શ્વાસ ચાલે એ જ છે હોવાપણું,
જીવતો પ્રત્યેક માણસ લાશ છે.
- અંકિત ત્રિવેદી

इंतिज़ार -फ़िराक़

न कोई वा’दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद
मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था

-फ़िराक़

rekhta પર આ શેર વાંચ્યો ત્યારથી એ મનમાં ગૂંજ્યા કરે છે….ઘણું લખી શકાય આ શેર વિષે, પણ જરૂર નથી લગતી.

શુદ્ધ પ્રેમની બાની છે, કોઈકનું ગંતવ્ય આ જ હોય છે…..

1 Comment »

  1. pragnajuvyas said,

    May 5, 2020 @ 11:09 AM

    वाह
    हम जितनी आसानी से वादा करते हैं उतनी ही शिद्दत के साथ हमें वादा निभाना भी चाहिए. किसी भी रिश्‍ते में वादे निभाने से प्‍यार और भरोसा बढ़ता है. यह भरोसा रिश्‍तों को और मजबूत बनाता है.
    वादे… और शेर
    किसी की मुहब्बत तभी पूरी होती है जब तक उसमें शर्ते नहीं होतीं
    एहसास और ख्याल तब तक मुक्कमल नहीं होते जब तक उसमें वादें और कसमें नहीं होतीं

    ज़िन्दगी में सारे दर्द गम हुए
    तेरे आ जाने से प्यार के सिलसिले शुरू हुए
    तू मिला है तो अब ये गम है
    प्यार ज्यादा है मगर तेरा एतबार ही कम है

    न कोई वा’दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद
    मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था

    सुना है वो जाते हुए कह गये कि
    अब तो हम सिर्फ तुम्हारे खाबो में आएंगे
    कोई कह दे उनसे के वो वादा कर लिया
    हम जिंदगी भर के लिए सो जायेंगे

    इस जहां में हमें कोई ऐसा मिल जाता
    प्यार में किया वादा और मेरा अरमान पूरे कर देते
    काश चाहने वाले हमेशा चाहने वाले ही रहते
    मगर लोग अकसर बदल जाते है
    दावे करने के बाद

    क़सम है इस दिल की
    क़सम है इस सांसों की
    क़सम है इस प्यार की
    के तुझे हर पल, में बहुत प्यार करूंगा

    ये दुनियां के तमाम चेहरे
    तुम्हें गुमराह कर देंगे
    तुम बस मेरे दिल में रहो
    यहां कोई आता जाता नहीं

    बातों-बातों में दिल ले जाते हो,
    देखते हो इस तरह जान ले जाते हो
    अदाओं से अपने इस दिल को धड़काते हो
    लेकर बाहों में सारा जहां घुमाते हो

    देखा है जबसे तुमको मेरा दिल नही है बस में
    जी चाहता है तोड़ दूं दुनियां की सारी रस्‍में

    तुम उदास उदास से लगते हो
    कोई तरकीब बताओ मानाने की
    प्रॉमिस है तुमसे मैं जिन्दगी गिरवी रख सकता हूं
    तुम कीमत बताओ मुस्कुराने की

    तेरा हाथ चाहती हूं तेरा साथ चाहती हूं
    बाहों में तेरी रहना मैं दिन रात चाहती हूं

    आने का वादा तो कर लेते हो
    पर निभाना भूल जाते हो
    लगा कर आग़ दिल में आप
    बुझाना भूल जाते हो.

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