વર્ષો પછી મળ્યાં હતાં એ માર્ગમાં, અને-
દૃશ્યો અમારી આંખમાં ઝાંખાં હતાં અનેક.
– અનિલ ચાવડા

લયસ્તરો બ્લોગનું આ નવું સ્વરૂપ છે. આ બ્લોગને  વધારે સારી રીતે માણી શકો એ માટે આ નિર્દેશિકા જોઈ જવાનું ચૂકશો નહીં.

Archive for મનુજ દેપાવત

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मैं विप्लव का कवि हूँ ! – मनुज देपावत

मैं विप्लव का कवि हूँ ! मेरे गीत चिरंतन ।

मेरी छंदबद्ध वाणी में नहीं किसी कृष्णाभिसारिका के आकुल अंतर की धड़कन;
अरे, किसी जनपद कल्याणी के नूपुर के रुनझुन स्वर पर मुग्ध नहीं है मेरा गायन !

मैं विप्लव का कवि हूँ ! मेरे गीत चिरंतन ।

मैं न कभी नीरव रजनी के अँचल में छुपकर रोता हूँ;
आँसू के जल से अतीत के धुँधले चित्र नहीं धोता हूँ;
चित्रित करता हूँ समाज के शोषण का वह शोणित प्लावन ।

मैं विप्लव का कवि हूँ ! मेरे गीत चिरंतन ।

आज विकट कापालिक बनकर !
महाप्रलय के शंखनाद से मरघट के सोए मुर्दों को जगा रहा हूँ !
जगा रहा हूँ अभिनव की वह ज्वाल निरंतर,
जलकर जिसमें स्वयं भस्म हो जाय पुरातन !

मैं विप्लव का कवि हूँ ! मेरे गीत चिरंतन ।

– मनुज देपावत

કવિ તો એ જ આલેખશે જે એને અંદર સુધી હલાવી દેશે….

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